जाने-माने कवि वीरेन डंगवाल नहीं रहे
हिन्दी के जाने माने कवि वीरेन डंगवाल का बरेली में लंबी बीमारी से निधन हो गया। उन्हें मुंह का कैंसर था। संवेदनशील कवि वीरेन डंगवाल के निधन से साहित्य जगत में गहरा दुख है। वीरेन डंगवाल के जाने से हिन्दी कविता में एक बड़ा शून्य पैदा हुआ है।
साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित, प्रसिद्ध हिन्दी कवि वीरेन डंगवाल काफी लंबे समय से मुंह के कैंसर से जूझ रहे थे, जिसके चलते कई सालों से दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में उनका इलाज चलता रहा।
हिन्दी साहित्य के क्षेत्र में कवि वीरेन डंगवाल का काफी योगदान रहा। समय-समय पर उन्हें उनकी रचनाओं के लिए रघुवीर सहाय, श्रीकांत वर्मा, शमशेर सम्मान और साहित्य अकादमी से नवाजा गया। उन्होंने अपने जीवन में कई कविताओं और साहित्यिक रचनाओं को रचा और बेहद दुर्लभ अनुवाद भी किए। इसके अलावा उच्च स्तरीय संस्मरणों और आलेखों के लिए उन्हें हमेशा सराहा गया।
एक बेहतरीन कवि, साहित्यकार और अनुवादक के अलावा वीरेन डंगवाल जी ने पत्रकार के रूप में भी अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। हिन्दी साहित्य जगत को वीरेन डंगवाल का यूं चले जाना हमेशा खलता रहेगा।